च्यवनप्राश उपयोग, chyavanprash health benefits
च्यवनप्राश उपयोग
आयुर्वेद के अनुसार कमजोरी, पुराने जुकाम-खांसी सहित फेफड़े व क्षय रोग के निदान के लिए दी जाने वाली औषधियों के साथ च्यवनप्राश जरूरी है। च्यवनप्राश में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी बूटियां आँवला, गिलोय व अष्टवर्ग भरपूर मात्रा में होती है च्यवनप्राश स्मरण शक्ति, बुद्धि व शरीर के विकास में भी काफी मददगार साबित होता है।
च्यवनप्राश में मुख्यत पांच तरह के द्रव्य होते हैं
प्रधान द्रव्य - आँवला फल
संसाधन द्रव्य - इन द्रव्यों में पानी डाल कर आंवला फल को हल्की आग पर उबाला जाता है।
यमक द्रव्य - इस श्रेणी के द्रव्य में घी एवं तिल का तेल आते हैं।
संवाहक द्रव्य - इस श्रेणी के द्रव्य (चीनी) च्यवनप्राश को सुरक्षित रखने के लिये उपयोग किये जाते हैं।
प्रक्षेप द्रव्य - ये द्रव्य हैं केशर, नागकेशर, पिप्पली, छोटी इलायची, दालचीनी, बंसलोचन, शहद एवं तेजपात।
च्यवनप्राश त्रिदोष नाशक है। इसमें लवण रस को छोडकर पांचों रस भरे हुये हैं। वैज्ञानिक खोजों से यह साबित हुआ है कि आंवले में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट एन्जाइम बुढापे को रोकता है। वायरस के फैलने की स्थिति में च्यवनप्राश शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है।
अकरकरा, शतावरी, ब्राह्मी, बिल्व, छोटी हर्र (हरीतकी), बिदरीकन्द, सफेद चन्दन, वसाका, कमल केशर, जटामानसी, गोखरू, बेल, कचूर, नागरमोथा, लौंग, पुश्करमूल, काकडसिंघी, दशमूल, जीवन्ती, पुनर्नवा, अंजीर , अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी के पत्ते, मीठा नीम, सौंठ, मुनक्का, मुलेठी ये सब सामान संसाधन सामग्री का है। इन सबको बराबर 50 ग्राम मात्रा में ले लें। ये सब आपकी सेहत के लिए कितने फायदेमंद है ये च्यवनप्राश खाने के बाद आपको अपनी सेहत में सुधार देखकर समझ आ जाएगा। इन्हें खाने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
सबसे जरूरी चीज़ च्यवनप्राश बनाने के लिए आपको चाहिए वो है सब आती हैं प्रेक्षप सामग्री में अब आपको इसमें क्या-क्या चाहिए और कितनी मात्रा में चाहिए वो भी जान लीजिए। पिप्पली- 100 ग्राम, बंशलोचन- 150 ग्राम, दालचीनी- 50 ग्राम, तेजपत्र- 20 ग्राम, नागकेशर- 20 ग्राम, छोटी इलायची- 20 ग्राम, केसर- 2 ग्राम, शहद - 250 ग्राम ये सारा सामान आपको पंसारी की दुकान से ही आसानी से मिल जाएगा।
च्यवनप्राश बनाने के लिए चौथी सामग्री जो आपको चाहिए वो है चीनी। 5 किलो आंवले के साथ अगर आप च्यवनप्राश बना रही हैं तो इसके लिए आपको तीन किलो चीनी की जरूरत है। चीनी डालने की जरूरत इसलिए है कि च्यवनप्राश में ऐसी कई जड़ी बुटियां हैं जिनका स्वाद कड़वा है।
यमक सामग्री में दो चीज़ें होती हैं एक शुद्ध देसी घी और दूसरा तिल का तेल। आप इन दोनों तो 250 ग्राम की बराबर मात्रा में ले लें।
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